केबीसी में जाकर फंसा रेलवे अधिकारी,आप भी जानिए पूरा मामला
कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी 13) में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर हर कोई बैठना चाहता है। ऐसी ही तमन्ना थी रेलवे अफसर देश बंधु पांडे की। पांडे राजस्थान के कोटा रेल मंडल के स्थानीय खरीद अनुभाग के कार्यालय अधीक्षक पद पर तैनात हैं। पांडे की ये तमन्ना पूरी हुई और वो भी महानायक के सामने बैठे और ₹3,20,000 जीते भी। लेकिन यह केबीसी कांटेस्ट उन्हें बहुत महंगा पड़ गया है। पांडे के लिए माहौल ऐसा बना कि, केबीसी में जाने के दौरान रेल प्रशासन ने उन्हें कड़ी सजा दी। उन्हें रेलवे प्रशासन ने चार्जशीट थमा दी। इतना ही नहीं पांडे की 3 साल के लिए वेतन वृद्धि पर भी रोक लगा दी।
देशबंधु पांडे ने यह सपने में भी नहीं सोचा था कि इस तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। मुंबई से कोटा लौटने पर महानायक से मिलने, अपनी शादी की 25वीं सालगिरह पर हॉट सीट पर बैठने को लेकर देशबंधु पांडे अपना सपना साकार होने पर गदगद थे। लेकिन यह खुशी चार्जशीट देखकर और इंक्रीमेंट रुकने पर काफूर हो गई। कोटा पहुंचने तक वो अपनी खुशी बयां कर रहे थे, लेकिन रेलवे की ओर से पनिशमेंट मिलने पर देशबंधु पांडे एकदम शांत पड़ गए। अब किसी के सामने आकर रेलवे की ओर से की गई कार्रवाई को बयां नहीं कर रहे हैं।
इधर, रेलवे प्रशासन की ओर से इस तरह की कार्रवाई से कर्मचारी संगठनों में विरोध व्याप्त है। वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के मंडल सचिव खालिद ने कहा है कि पांडे के साथ रेल प्रशासन ने ठीक नहीं किया है। मजदूर संघ पांडे के लिए न्याय की लड़ाई लड़ेगा। केबीसी में भाग लेने के लिए पांडे 9 से 13 अगस्त तक मुंबई में रहे थे। इसके लिए पांडे ने अधिकारियों से अवकाश की सूचना दी थी। लेकिन अधिकारियों ने पांडे के आवेदन पर कोई विचार नहीं किया। इसके बाद पांडे बिना छुट्टी के ही केबीसी शूटिंग के लिए मुंबई जाकर आए। पांडे ने केबीसी में 3 लाख 20 हजार रुपए जीते, लेकिन उन्हें यह महंगा पड़ गया है।
पांडे चार्ट शीट को लेकर इतना डरे हुए हैं कि वह रेलवे प्रशासन के खिलाफ कुछ भी बोलने को कैमरे के सामने तैयार नहीं है। पांडे को डर है कि अगर वह कुछ मीडिया के सामने बोलेंगे तो उन्हें और ज्यादा सजा रेलवे प्रशासन से मिल सकती है। हालांकि पांडे ने उन्हें मिली चार्ट शीट का जवाब रेलवे प्रशासन को दिया है।
पांडे को मुंबई से लौटने पर 18 अगस्त को चार्जशीट थमा दी। 3 साल के इंक्रीमेंट बंद करने के आदेश भी जारी कर दिए। चार्जशीट मिलने। इंक्रीमेंट रोकने की कार्रवाई से केबीसी में ईनाम जीतने की खुशी पांडे की काफूर हो गई। इस बात से पांडे और उनका परिवार तनाव में हैं। पांडे का केबीसी में भाग लेना नुकसान भरा साबित हुआ। तीन साल का इंक्रीमेंट रोक दिया। है। तीन साल में करीब डेढ़ लाख रुपए का घाटा होना निश्चित है। केबीसी में पांडे को 3 लाख 20 हजार रुपए मिले हैं। इस राशि में से टैक्स भी कटेगा।
चार्ज शीट में लिखा है कि बिना अवकाश स्वीकृत कराए ही आप 9 से 13 अगस्त तक गायब रहे। आपका यह रवैया काम के प्रति लापरवाही दर्शाता है। ऐसे में आप पर कार्रवाई की जानी चाहिए। अधिकारियों ने इस चार्जशीट में पहले से ही 13 अगस्त तक का जिक्र कर दिया। यह तभी संभव है जब अधिकारियों को पता हो कि कर्मचारी 13 अगस्त तक नहीं आएगा। इसका मतलब है पांडे ने 13 अगस्त तक अवकाश मांगा था। जो उसे नहीं दिया गया।
हालांकि कर्मचारी संगठन पांडे के प्रति रेलवे के इस रवैये से सहमत नहीं दिखे। कर्मचारी संगठनों ने कहा कि उचित कारण हो तो कार्मिकों को छुट्टी जरुर दी जानी चाहिए। केबीसी में भाग लेना ऐसा कारण नहीं है। जिसके लिए रेलवे को छुट्टी देने में कोई आपत्ति हो। रेलवे को तो इस पर गर्व होना चाहिए। ताकि अन्य प्रतिभाएं भी प्रोत्साहित हो सके। इसके उलट अधिकारी सम्मान तो दूर चार्ज शीट थमा कर कर्मचारियों का मनोबल गिराने का काम कर रहे हैं। संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि यह पहला अवसर नहीं है जब किसी कर्मचारी ने केबीसी में भाग लिया हो। इससे पहले भी कई अधिकारी और कर्मचारी केबीसी में शामिल हो चुके हैं। रेलवे की ओर से इन सभी का सम्मान किया गया। यह पहला मामला है। जब सम्मान की जगह कर्मचारी को चार्जशीट थमाई गई हो।
कोटा रेल मंडल डीआरएम ऑफिस में भंडार विभाग में कार्यालय अधीक्षक पद पर तैनात पांडे ने पिछले दिनों केबीसी में भाग लिया था। पांडे का यह एपिसोड 26 और 27 अगस्त को प्रसारित हुआ था। पांडे ने दस सवालों के सही जवाब दिए। 3 लाख 20 हजार रुपए भी जीते हैं। पांडे अपनी पत्नी के साथ केसीबी में खेलने गए थे। लेकिन देशबंधु पांडे के साथ जो कुछ हुआ उस बात को लेकर पूरा परिवार चिंतित है। रेलवे कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी की माने तो देशबंधु पांडे अपने कार्य को लेकर जिम्मेदार रहते हैं। उन्होंने अपनी कार्यशैली को लेकर भी रेलवे से कई अवार्ड प्राप्त किए हैं। लेकिन मौके की नजाकत ऐसी रही, केबीसी में गए और जब लौटे तो रेलवे की कड़ी कार्रवाई का उन्हें ऐसे सामना करना पड़ा। रेलवे की ओर से पांडे को थमाई गई चार्टशीट की प्रतियां एनबीटी के पास है।