उत्तराखण्ड

कमजोर जनाधार वाले विधायको को नही मिलेगा टिकट, बीजेपी आगामी चुनाव में अपनाएगी ये फार्मूला,करीब दो दर्जन विधायक रडार पर ?

ब्यूरो : उत्तराखंड में साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी है। विधायकों के प्रदर्शन के आधार पर ही पार्टी आगामी चुनाव में उनको टिकट बांटेगी। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा हाईकमान करीब दो दर्जन विधायकों के नाम ड्रॉप कर सकती है।

सूत्रों की मानें तो अपने कार्यकाल में  खराब प्रदर्शन करने वाले करीब 28 विधायकों का इस बार टिकट कट सकता है। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दो दिनी उत्तराखंड दौरे के दौरान उन्होंने विधायकों के प्रदर्शन पर फीडबैक भी लिया।

कोर कमेटी की बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर विस्तार से मंथन भी किया गया। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाईकमान करीब 28 विधायकों के प्रदर्शन से नाखुश है। ऐसे में इन विधायकों का आगामी विधानसभा चुनाव में टिकर कटना तय माना जा रहा है।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 28 विधायकों के प्रदर्शन से काफी नाखुश दिखाई दिए। ऐसे में पार्टी इन 28 विधायकों को आगामी चुनाव में ड्रॉप कर नए चेहरों पर भरोसा जता सकती है, ताकि पार्टी एक बार फिर भारी बहुमत के साथ उत्तराखंड में सरकार बना सके।

कोर कमेटी की बैठक में यह सामने आया कि 28 विधायकों ने पिछला चुनाव जीतने के बाद न तो जनता से कोई संपर्क साधा और न ही अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में रहे। विधायकों की गैर-मौजूदगी में वोटरों में नेताओं के खिलाफ काफी नाराजगी है।

पार्टी हाईकमान को भी ऐसे विधायकों की लिस्ट भी भेजी जा चुकी है, जिनपर दोबारा भरोसा करना ठीक नहीं रहेगा। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उम्रदराज जिताऊ प्रत्याशियाें को दोबारा टिकट देने की भी पैरवी की है। फिलहाल, 70 सीटों में से 56 भाजपा के विधायक हैं। गौरतलब है कि कैंट विधानसभा क्षेत्र से हरबंस कपूर सबसे ज्यादा उम्र 75 साल के विधायक हैं।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भाजपा प्रदेश कमेटी से भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि कैबिनेट मंत्री सहित विधायक रात्रि प्रवास पर नहीं रहते। उन्होंने प्रदेश कमेटी को सख्त हिदायत है कि कैबिनेट मंत्रियों सहित विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में रात्रि प्रवास को गंभीरता से लेते हुए वहीं पर रात्रि विश्राम करें ताकि ग्रामीणों की समस्या का हल निकाला जा सके। उन्होंने सभी को निर्देशित किया है कि रात्रि प्रवास की फाेटो और वीडियो उनके साथ जरूर-जरूर शेयर करें। अब देखना दिलचस्प होगा कि ऐसे विधायको की कार्यशैली में एक निश्चित समय सीमा के दौरान आखिर कितना फर्क पड़ेगा ?

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