CM तीरथ ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी रोकने को उठाया कदम, निजी और सरकारी अस्पताल हर दिन देंगे रेमडेसिविर के इस्तेमाल की जानकारी
मेडिकल स्टोर, होलसेलर और स्टॉकिस्ट भी हर दिन का देंगे रिकार्ड
देहरादून : राज्य सरकार ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। जिसके तहत अब रेमडेसिविर की बिक्री और इसके इस्तेमाल की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी। निजी और सरकारी चिकित्सा संस्थान और मेडिकल स्टोर,होलसेलर व स्टॉकिस्ट हर दिन इसकी जानकारी औषधि नियंत्रण विभाग को देंगे।
उत्तराखंड मेें कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वहीं गंभीर मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिवर इंजेक्शन की भी कमी बनी हुई है। राज्य को केंद्र से 3200 इंजेक्शन मिले हैं,जिन्हेंं सरकारी, निजी अस्पतालों को मांग के अनुसार वितरित किया गया है। वहीं,सरकार ने इंजेक्शन की कीमत भी तय कर दी है। अब इंजेक्शन के गैर वाजिब इस्तेमाल और इसकी कालाबाजारी रोकने के लिए भी कदम उठाया गया है।
जिसके तहत प्रभारी सचिव
स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने समस्त मुख्य चिकित्साधिकारी,मुख्य चिकित्सा अधीक्षक,मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य, समस्त राजकीय व निजी चिकित्सा संस्थान और मेडिकल स्टोर/हॉलसेलर/स्टॉकिस्ट के लिए निर्देश जारी किए हैैं।
जिसमें कहा गया है कि उन्हें हर दिन शाम छह बजे तक इंजेक्शन के वितरण और विक्रय की जानकारी तय प्रारूप में औषधि नियंत्रण विभाग को देनी होगी। जिसमें मरीज का नाम, इंजेक्शन की संख्या,आधार कार्ड संख्या,आरटी-पीसीआर रिपोर्ट, चिकित्सीय परामर्श,तीमारदार का नाम व मोबाइल नंबर और इंजेक्शन के मूल्य का उल्लेख उन्हेंं करना है। इससे संबंधित अभिलेख भी साथ संलग्न करने होंगे।
सख्त ताकीद की गई है कि इंजेक्शन का वितरण/विक्रय उसी मूल्य पर किया जाए,जिस मूल्य पर उन्हें उपलब्ध कराया गया है। किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर औषधि एवं सौदर्य प्रशाधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।