चिंताजनक : गोल्डन कार्ड का पूर्ण रूप से कार्मिकों को लाभ नही मिलने पर सचिवालय संघ ने जताई नाराजगी,अध्यक्ष दीपक जोशी ने उठाए कई बड़े सवाल
देहरादून : सचिवालय सहित प्रदेश के कार्मिकों/पेन्शनर्स तथा उनके आश्रितों हेतु लागू की गई गोल्डन कार्ड योजना की स्थिति उपचार हेतु मौके पर शून्य है,वर्तमान मे कोविड के रोगी कार्मिकों को इस कार्ड की उपचार हेतु वास्तविक आवश्यकता है, परन्तु राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण तथा स्वास्थ्य विभाग की लचर कार्य प्रणाली व उदासीन रवैए के कारण किसी भी अस्पताल मे इस कार्ड का कोई उपयोग न होने से सचिवालय तथा प्रदेश के सभी विभागीय कार्मिको तथा पेन्शनर्स मे रोष है। सचिवालय संघ द्वारा सभी कार्मिकों की भावनाओं के अनुरूप लाकडाऊन के उपरांत इस पर तेजी से काम करना है।
जब तक यह योजना अपेक्षाकृत रूप से कार्मिको/पेन्शनर्स तथा उनके आश्रितों के हित मे नही हो जाती, तब तक प्रतिमाह की जा रही कटौती को तत्काल बंद कराने तथा चिकित्सा प्रतिपूर्ति की पूर्व व्यवस्था को लागू कराया जाना संघ का मुख्य ऐजेंडा रहेगा। अब तक विगत 03 माह से प्रतिमाह अनवरत की जा रही कटौती की धनराशि को सम्बंधित अधिकारियो/कार्मिको एवं पेन्शनर्स को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के स्तर से वापस करने अथवा गोल्डन कार्ड के पूर्ण रूप से दुरूस्त हो जाने से अग्रेत्तर 03 माह तक उक्त धनराशि का समायोजन किये जाने की मांग रखी जाएगी, तब तक किसी प्रकार की कोई मासिक कटौती किया जाना अब स्वीकार नही किया जाऐगा। इस बीच इस गोल्डन कार्ड की खामियो एवं अस्पतालों मे इस कार्ड की अव्यवस्थाओं के कारण कई कार्मिको व उनके आश्रितों की असामयिक मृत्यु भी हो चुकी हैं, जिसके लिये राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण और स्वास्थ्य विभाग उत्तरदायी हैं, अब अगर गोल्डन कार्ड की खामियों के कारण किसी भी कार्मिक अथवा उसके आश्रित की कोई जान-माल की क्षति होती है तो इसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण और स्वास्थ्य विभाग का होगा तथा ऐसी अप्रिय स्थिति मे संघ द्वारा सम्बंधितों के विरुद्ध क्रिमिनल केस दायर किये जाने पर भी विचार किया जायेगा।