Wednesday, December 11, 2024
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उत्तराखंड

बड़ी खबर : श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डाॅक्टरों ने महिला के पेट से निकाला 8.5 किलो का ट्यूमर

वरिष्ठ कैंसर सर्जन डाॅ. पंकज गर्ग ने किया ऑपरेशन

ढ़ाई घण्टे तक चले जटिल आॅपरेशन के बाद निकाला गया ट्यमर

समय से इलाज मिलने पर बची महिला की जान

बीमारी के कारण 2 साल से परेशानी थी महिला

परिजनों ने श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल का जताया आभार

देहरादून : श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ कैंसर सर्जन डाॅ पंकज गर्ग और सहयागी टीम ने एक महिला मरीज़ के पेट से साढ़े आठ किलो का ट्यूमर निकाला है। ढ़ाई घण्टे तक चले जटिल आॅपरेशन के बाद महिला के अण्डाशय का ट्यूमर (ओवरी ट्यूमर) निकाला गया। ऑपरेशन के बाद महिला की हालत ठीक है।
गौरतलब है कि 50 वर्षीय महिला निवासी मुज्जफरनगर को 26 मई को परिजन श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में उपचार के लिए लेकर आए। महिला को पेट फूलने और पेट में तेज़ दर्द की शिकायत के साथ लाया गया। बीमारी के कारण पेट सामान्य अवस्था से असामान्य रूप में फूला हुआ था। अस्पताल के वरिष्ठ कैंसर सर्जन डाॅ पंकज गर्ग ने प्रारम्भिक जाॅच में पाया कि महिला को अण्डाशय का ट्यूमर है। मेडिकल साइंस में इस बीमारी को ओवेरियन सिस्ट एडीनोमा कहते हैं। शुक्रवार को डाॅ. पंकज गर्ग की देखरेख में महिला का आॅपरेशन किया गया। आॅपरेशन में साढ़े आठ किलो का ट्यूमर निकाला गया।
महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट एडीनोमा ट्यूमर के जो मामले प्रकाश में आते हैं उनके ट्यमर का आकार और वजन समान्यतः चार सौ से पाॅच सौ ग्राम तक देखा जाता है। इस मामले में खास बात ट्यूमर के आकार और वजन सामान्य ट्यूमर से बहुत अधिक होना है। इस मामले में यदि आॅपरेशन करने में देर हो जाती तो ट्यूमर पेट में फट सकता था और शरीर में संक्रमण फैल सकता था। समय रहते आॅपरेशन कर महिला के जीवन को बचा लिया गया। आॅपरेशन में डाॅ रूबीना मक्कड़, एनेस्थीसिया विभाग, डाॅ सनल, डाॅ वन्दना, सहयोगी स्टाफ अमित, पूजा का सहयोग रहा।

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल वरिष्ठ कैंसर सर्जन डाॅ. पंकज गर्ग ने बताया कि इस मामले में मरीज़ के परिजनों द्वारा देर से चिकित्सकीय परामर्श लेना भी बीमारी के बढ़ने का एक बड़ा कारण रहा। महिला बीमारी के कारण 2 साल से परेशान थीं। ऐसी महिलाएं जिनकों पेट में गांठ, सूजन या पेट फूलने की शिकायत लगती है उन्हें समय रहते कुशल चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। समय से बीमारी का पता लग जाने पर बड़े खतरे को टाला जा सकता है। ओवरी ट्यूमर का असामान्य रूप से इतना अधिक बड़ा हो जाना सामान्य लक्षण नहीं है। बीमारी के प्रति लापरवाही या बीमारी को नज़रअंदाज करना कई बार घातक भी हो जाता है।

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