मेडिसिन वितरण के साथ ही चिकित्सीय परामर्श भी करवा रही SDRF
कोविड के संकटकाल में जरूरतमंदों के लिए देवदूत साबित हो रहे है एसडीआरएफ के जवान
चिलचिलाती धूप में मेडिसिन लिए सड़कों पर मोटरसाइकिल दौड़ाते SDRF जवान, जल्दी है समय की क्योंकि कीमत इंसान की जान से आँकी जा रही है कुछ देर को रुकना किसी की साँसों में भारी हो सकता है। यहाँ ह्रदय स्वयं कहता है थकना मना है चलना जरूरी, बुरा लगता है जब सूरज ढलना शुरू होता है काश की में कुछ और जरूरतमंद तक ये मेडिसन पहुँचा पाता।
अनेक वाकयों में जब फोन आते हैं और उनसे SDRF के कॉलर बात करते है तो वो मालूम होता है इस समय मेडिसिन के साथ ही भावनात्मक सहायता की भी बहुत आवश्यकता है हो सकता है कोई बीमारी से जीत जाय किन्तु आत्मविश्वास से हार जाए,इसलिए जवान मेडिसिन देते वक्त सामने वाले को हौसला जरूर देते है मनोबल, घबराओ नही हम आपके साथ है जिससे वो लड़ सके स्वयं से ओर इस बीमारी से उसे एक जिद हो कि उसे कोरोना को हराना है उसे जिद हो जल्द ठीक होने की ओर दूसरों को मदद पहुँचाने की।
अकेले देहरादून में 4500 से अधिक जरूरतमंद तक SDRF ने मेडिसिन पहुँचाई है,स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त समरी के अनुसार तड़के ही जवान कोविड मेडिसिन किट पहुँचाने निकल पड़ते है देहरादून में ही एक दिवस में लगभग 600 किट का वितरण जवानों के द्वारा किया जाता है।
साथ ही यदि किसी कॉलर द्वारा मेडिकल प्रॉब्लम बताई जाती है तो SDRF कंट्रोल में बैठे चिकित्सक द्वारा उनकी समस्या को सुन कर निदान बताया जाता है डेली कन्सलटेंसी के लिए sdrf कंट्रोल में 2 चिकित्सक प्रतिदिन उपलब्ध होते हैं।