Wednesday, December 11, 2024
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उत्तराखंड

विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के 17 मई को सुबह 5 बजे खुलेंगे कपाट

चारधाम यात्रा 

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने श्रद्धालुओं को दी शुभकामनाएं

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया हुई शुरू

18 मई को प्रात: श्री बदरीनाथ धाम के खुलेंगे कपाट

श्री केदारनाथ धाम के कपाट सोमवार 17 मई को प्रातः 5 बजे खुलेंगे। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने श्रद्धालुओं को शुभकामनायें दीं हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि अपने घरों में रहकर पूजा – अर्चना करें।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड और मंदिर समितियों द्वारा चारों धामों में पहली पूजाएं यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  की ओर से जनकल्याण के लिए की जा रही हैं।

बीते कल शाम श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम पहुंची। कल सोमवार को प्रात: 5 बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंंगे। जबकि श्री यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई और श्री गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को खुल चुके है।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 18  मई को प्रात: 4 बजकर 15 बजे खुल रहे है। आज श्री नृसिंह मंदिर से आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी,रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी के साथ योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंच गयी है। कल शाम श्री उद्धव जी और श्री कुबेर जी के साथ ही आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी श्री बदरीनाथ धाम पहुंच जायेगी।

कोविड के दृष्टिगत चारधाम यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित किया जा चुका है। नित्यनियम से पूजा – अर्चना चलेगी। धामों में पूजपाठ से जुड़े लोगों को जाने की अनुमति है और कोरोना बचाव मानकों का पालन हो रहा है।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम और श्री केदारनाथ धाम में देवस्थानम बोर्ड ने कपाट खुलने की तैयारियां पूरी कर ली है। सेनिटाईजेशन,साफ-सफाई, बिजली-पानी की आपूर्ति, रावल, पुजारियों, वेदपाठियों के लिए आवास व्यवस्था की गयी है। मास्क पहनना, सोशियल डिस्टेंसिंग,थर्मल स्क्रीनिंग को अनिवार्य किया गया है।

देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी सिंह केदारनाथ धाम में व्यवस्थाओं का अवलोकन कर रहे है। गढ़वाल आयुक्त / उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने चारधाम के कपाट खुलने के अवसर पर कोविड गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने को कहा है।

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