Monday, December 9, 2024
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उत्तराखंड

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने रक्षा मंत्री से राज्य के लिए मांगी टेरिटोरियल आर्मी की दो बटालियन

देहरादून : पैठसैण में गढ़गौरव वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम के लिए उत्तराखण्ड पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने राज्य में टेरिटोरियल आर्मी की दो बटालियन स्थापित करवाने की मांग की।

उन्होंने उत्तराखण्ड राज्य में दो टेरिटोरियल आर्मी (कुमाऊॅ रेजिमेंट और गढ़वाल राइफल से सम्बद्ध) की बटालियन स्थापित किये जाने के संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर आग्रह किया।

रक्षा मंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने राज्य में टेरिटोरियल आर्मी की दो बलालियन स्थापित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री के तौर पर ही नहीं बल्कि एक सैनिक के तौर पर भी मुझे लगता है कि हमारी रेगुलर आर्मी के सहयोग के लिए स्थानीय नागरिकों में मौजूद क्षमताओं और सामाजिक अनुभव का लाभ लेने के लिहाज से भी टेरिटोरियल आर्मी का गठन किया जाना चाहिए। टेरिटोरियल आर्मी भी रेग्युलर आर्मी की तरह ही,हमेशा, हर मोर्चे पर, सक्रिय रह कर राष्ट्र की सेवा में तत्पर रहती है। चाहे जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों में आंतरिक आतंकवाद से लोहा लेने का मोर्चा हो, अथवा राष्ट्रीय स्तर पर क्षरित हो रहे ईको सिस्टम को बचाने के लिए देश के विभिन्न विषम भौगोलिक क्षेत्रों में बृहद वृक्षारोपण का मोर्चा हो,अथवा नमामी गंगे मिशन के तहत की जा रही गतिविधियों को सफलता पूर्वक पूर्ण करने की बात हो,टेरिटोरियल आर्मी हर मोर्चे पर सफलतापूर्वक कार्य करती रही है।

उन्होंने कहा कि टेरिटोरियल आर्मी को सिटिजन आर्मी के नाम से भी जाना जाता है,क्योंकि यह नागरिक जीवन के अनुभवों से युक्त पेशेवरों की योग्यताओं और सैनिक अनुशासन और राष्ट्र प्रेम की भावना का अद्भुत समागम है। जम्मू – कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, असम, नागालैण्ड, मणिपुर इत्यादि राज्यों में टैरीटोरीयल आर्मी कार्य कर रही है। उत्तराखण्ड राज्य चीन और नेपाल जैसे राष्ट्रों की सीमा से लगे होने के कारण रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण हो जाता है। उत्तराखण्ड राज्य में दो टेरिटोरियल आर्मी (कुमाऊॅ रेजिमेंट और गढ़वाल राइफल से सम्बद्ध) की बटालियन स्थापित किये जाने की नितांत अवश्यकता है। यह टेरिटोरियल आर्मी की दो बटालियन स्थापित किये जाने से जहा वीरों की भूमि उत्तराखण्ड के युवाओं को राष्ट्र सेवा एवं रोजगार का अवसर प्राप्त होगा वही उत्तराखण्ड जैसे अन्र्तराष्ट्रीय सीमाओं से सम्बद्ध राज्य में राणनीतिक लाभ भी प्राप्त होगा।

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