Wednesday, December 11, 2024
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उत्तराखंड

20 नवंबर को विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के शीतकाल के लिए बंद होंगे कपाट

उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2021

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए  20 नवंबर को शायंकाल में होंगे बंद

श्री केदारनाथ धाम श्री यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए शनिवार 6 नवंबर भैयादूज को हो जायेंगे बंद

श्री गंगोत्री धाम के कपाट शुक्रवार 5 अक्टूबर गोवर्धन पूजा / अन्नकूट के दिन हो जायेगे बंद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारों धामों में तीर्थयात्रा के सफल संचालन पर प्रसन्नता जताई कहा कपाट बंद होने तक निर्बाध चलेगी चारधाम यात्रा

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा निर्धारित परंपराओं के अनुसार होते हैं कपाट बंद

देवस्थानम बोर्ड के सदस्यों ने व्यक्त की प्रसन्नता

पंच केदार कपाट बंद होने की तिथियां

द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर भगवान के कपाट शीतकाल के लिए 22 नवंबर को होंगे बंद

तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ जी के कपाट शीतकाल हेतु 30अक्टूबर को होंगे बंद

चतुर्थ केदार श्री रुद्रनाथ जी के कपाट 17 अक्टूबर को ब्रह्म मुहूर्त में हो जायेंगे बंद

आज विजयदशमी के अवसर पर कपाट बंद होने की तिथियां हुई तय

 

श्री बदरीनाथ धाम /गोपेश्वर- चमोली /उखीमठ/ मक्कूमठ रूद्रप्रयाग : विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष शीतकाल के लिए शनिवार 20 नवंबर मार्गशीर्ष 5 गते प्रतिपदा को वृष लग्न- राशि में शाम 6 बजकर 45 मिनट पर बंद हो जायेंगे। जबकि पंच पूजाएं मंगलवार 16 नवंबर से शुरू होंगी। आज श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में इस वर्ष श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि तय हुई। तिथि की घोषणा विधि विधान से पूजा-अर्चना पंचाग गणना पश्चात रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा की गयी।

धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल और आचार्य वेदपाठियो द्वारा पूजा अर्चना की गयी। देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह की देखरेख और उपस्थिति में संपूर्ण कार्यक्रम आयोजित हुआ इस अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के सदस्य गोविंद सिंह पंवार,ग्राम प्रधान माणा पीतांबर मोल्फा,राजेंद्र चौहान,गिरीश चौहान,भूपेंद्र रावत, कृपाल सनवाल आदि भी मौजूद रहे।
पंच पूजाओं में 16 नवंबर को गणेश जी की पूजा और कपाट बंद,17 नंवंबर को आदिकेदारेश्वर जी कपाट बंद होंगे। 18 नवंबर को खडग पुस्तक पूजन,वेद ऋचाओं का वाचन बंद,19नवंबर चौथे दिन मां लक्ष्मी जी का आव्हान,पांचवे दिन 20 नवंबर को  कपाट बंद होंगे।

आज यात्रा वर्ष 2022 के लिए सर्व संजय मेहता,यमुना प्रसाद,कल्याण सिंह भंडारी,मुरली सिंह पंवार को पगड़ी भेंट की गयी ये प्रतिनिधि अगले यात्रा वर्ष भगवान बदरीविशाल के भंडार आदि की जिम्मेदारी संभालेंगे। भगवान बदरीविशाल के खजाने के साथ श्री गरूड़ भगवान की विग्रह प्रतिमा  बदरीनाथ धाम से श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन(जोशीमठ) और मातामूर्ति सहित श्री घ़टाकर्ण मंदिर माणा के कपाट भी शीतकाल हेतु बंद रहते है।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के दूसरे दिन 21नवंबर सुबह श्री उद्वव जी और कुबेर जी रावल जी सहित आदिगुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी के साथ रात्रि प्रवास हेतु योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगे।

श्री कुबेर जी अपने पांडुकेश्वर स्थित मंदिर में और उद्धव जी योग बदरी पांडुकेश्वर में विराजमान में हो जायेंगे जबकि 22 नवंबर को रावल जी और आदिगुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में विराजमान होंगे।इसके साथ ही योग बदरी पांडुकेश्वर और श्री नृसिंह मंदिर जोशी मठ में शीतकालीन पूजाएं भी शुरू होंगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के सफल संचालन पर प्रसन्नता जताई कहा कि चारधाम यात्रा निर्बाध जारी रहेगी। अभी तक सवालाख से अधिक तीर्थ यात्री चारधाम और श्री हेमकुंड साहिब पहुंचे है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि परंपरानुसार चारों धामों के कपाट निर्धारित समय पर बंद होंगे यह प्रसनन्ता का विषय है।

देवस्थानम बोर्ड के सदस्यों ने कपाट बंद होने की तिथियां घोषित होने पर जताई खुशी 

धर्मस्व सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने कहा कि चारधाम यात्रा में देश विदेश के तीर्थयात्री पहुंच रहे है।
आयुक्त गढ़वाल/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड  रविनाथ रमन ने कहा कि चारों धामों और पंच केदारों के कपाट बंद होने की तिथियां और कार्यक्रम चारधाम यात्रा का महत्त्वपूर्ण भाग है। यात्रा ब्यवस्थाओं को संजीदा किया गया है।

श्री केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज 6 नवंबर  को समाधि पूजा के बाद मुख्य बाहरी द्वार प्रात: 8 बजे बंद हो जायेंगे।
पंचमुखी डोली 6 नवंबर रामपुर 7 नवंबर गुप्तकाशी,8 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में विराजमान होगी।
श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भी 6 नवंबर  भैयादूज को दिन में बंद होंगे। मां यमुना की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल खरसाली पहुंचेगी।
श्री गंगोत्री धाम के कपाट 5 नंवंबर को गोवर्धन पूजा अन्नकूट के अवसर पर मध्यान में बंद होंगे। मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा पहुंचेगी।
जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित ने बताया कि श्री गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में यात्रा व्यवस्थायें चाकचौबंद हैं।

श्री पंच केदार कपाट बंद होने का कार्यक्रम

पंच केदारों में प्रसिद्ध चतुर्थ केदार श्री रूद्रनाथ जी के कपाट रविवार 17 अक्टूबर  प्रात: 4.30 बजे ब्रह्य मुहुर्त में शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे
श्री रूद्रनाथ जी के आचार्य श्री महादेव भट्ट ने यह जानकारी दी।
पंच केदारों में से द्वितीय केदार भगवान श्री मद्महेश्वर जी के कपाट शीतकाल हेतु सोमवार 22 नवंबर को प्रात: साढे आठ बजे वृश्चिक लग्न में बंद हो जायेंगे। जबकि श्री मद्महेश्वर मेला   बृहस्पतिवार 25 नवंबर को आयोजित होगा। जबकि तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट शनिवार 30 अक्टूबर को दिन 1 बजे अपराह्न शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।

आज पंचकेदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पुजारी-आचार्यगणों और पंचगाई हक-हकूकधारियों और देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों- कर्मचारियों की उपस्थिति में विधि-विधान पूर्वक पंचाग गणना के पश्चात कपाट बंद होने की तिथि तय की गयी।

तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में तय हुई है।
कपाट बंद होने के पश्चात भगवान मद्महेश्वर जी की चलविग्रह डोली 22 नवंबर को गौंडार, 23 नवंबर को रांसी, 24 नवंबर को गिरिया प्रवास करेगी।
25 नवंबर को चल विग्रह डोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी 25 नवंबर  को मद्महेश्वर मेला आयोजित किया जायेगा।
श्री तुंगनाथ जी की चलविग्रह डोली 30 अक्टूबर को चोपता,31 अक्टूबर को भनकुंड और 1 नवंबर को गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर में विराजमान होंगी इसी के साथ गद्दीस्थलों में शीतकालीन पूजा शुरू हो जायेंगी।

श्री मद्महेश्वर भगवान के कपाट बंद होने की तिथि तय करने के लिए
आज विजय दशमी के अवसर पर आज आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में वेदपाठी यशोधर मैठाणी, पुजारी शिवशंकर लिंग, और गंगाधर लिंग,गिरीश देवली,राजकुमार नौटियाल,पुर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट,आदि मौजूद रहे। श्री तुंगनाथ जी के कपाट बंद होने की तिथि निर्धारित करने के कार्यक्रम में मठापति राम प्रसाद मैठाणी, और मैठाणी आचार्य गण मौजूद रहे।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने की तिथि तय होने के लिए आयोजित सभी कार्यक्रमों में  सामाजिक दूरी सहित कोरोना बचाव मानकों का पालन किया गया है।

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