पीपीपी मोड के साइड इफेक्ट : उत्तराखंड क्रांति दल का आरोप,रैफर सेंटर बनकर प्राइवेट कंपनी की कमाई का जरिया बना डोईवाला का सरकारी अस्पताल
देहरादून : सामुदायिक स्वास्थ केंद्र डोईवाला को पीपीपी मोड़ से हटाने की मांग यूकेडी ने की है। उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि जिन उद्देश्यों को लेकर सरकारी अस्पताल को पीपीपी मोड पर दिया गया था। उनमें से एक भी उद्देश्य पूरा नहीं हुआ है। पीपीपी मोड़ में अस्पताल रेफरल सेंटर बनकर रह गया है। अस्पताल के उच्चीकृत के दावे हवाई साबित हुए हैं।
जिलाध्यक्ष केंद्र पाल सिंह तोपवाल ने कहा कि डोईवाला का सरकारी अस्पताल वर्तमान में सिर्फ प्राइवेट कंपनी के कमाई का जरिया भर बनकर रह गया है।
जिलाध्यक्ष सीमा रावत ने आरोप लगाया कि अस्पताल के डॉक्टरों और अन्य स्टाफ का व्यवहार मरीजों के साथ बेहद खराब है। जिस कारण क्षेत्रीय जनता काफी लंबे समय से अस्पताल को पीपीपी मोड से वापस लिए जाने की मांग कर रही है।
उन्होंने कहा कि नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से उम्मीद है कि वह जल्दी ही इस अस्पताल को पीपीपी मोड से वापस लेने की कार्यवाही शुरू करेंगे। क्योंकि जनता पीपीपी मोड से काफी परेशान हो चुकी है। चेतावनी देते हुए कहा कि अस्पताल का जल्द ही पीपीपी मोड अनुबंध समाप्त नहीं किया गया तो स्थानीय जनता के साथ यूकेडी जन आंदोलन करेगी।
इस संबध में मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी दिया गया।
ज्ञापन देने वालों में प्रमोद डोभाल, सीमा रावत, अवतार सिंह बिष्ट, जोत सिंह गुसाईं, धनवीर रावत,धर्मवीर गुसाईं, अंकित कुड़ियाल, अंकित घिल्ड़ियाल,और पिंकी थपलियाल आदि मौजूद रहे।