तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की ली शपथ
देहरादून : देवभूमि उत्तराखंड के 10 वें मुख्यमंत्री के रूप में वरिष्ठ भाजपा नेता तीरथ सिंह रावत ने शपथ ली। अब तीरथ सिंह रावत के हाथों में पहाड़ की कमान है और 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से बीजेपी को जीत दिलाने की चुनौती भी है।
अब आपको बताते है उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का परिचय
उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बन गए है। तीरथ सिंह रावत का जन्म 9 अप्रैल 1964 को ग्राम सिरौ पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। इनके पिता का नाम कलम सिंह रावत माता का नाम गौरा देवी और उनकी पत्नी का नाम डॉ रश्मि त्यागी रावत है। इन्होंने परास्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा हासिल किया हुआ है इन्होंने श्रीनगर गढ़वाल के बिरला कॉलेज से समाजशास्त्र में पर स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा की शिक्षा ग्रहण की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने आरएसएस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़कर बतौर सामाजिक कार्यकर्ता कार्य करना शुरू कर दिया और महज 20 वर्ष की उम्र में 1983 में उसके प्रांत प्रचारक बन गए वर्तमान में उत्तराखंड के पौड़ी लोकसभा सीट से तीरथ सिंह रावत सांसद हैं और इससे पहले 2012 से लेकर 2017 में चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे और वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव भी हैं। साल 1983 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बतौर युवा प्रचारक के रूप में अपनी शुरुआत करने वाले तीरथ सिंह रावत अपनी राजनीतिक दीक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने छात्र जीवन के दौरान आर एस एस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में राज्य के संगठन मंत्री का पद संभाला और शानदार काम की वजह से उन्हें संगठन मंत्री राष्ट्रीय संगठन मंत्री का पद भी मिला उन्होंने हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्र संघ का चुनाव लड़ा और अध्यक्ष पद के लिए चुने गए वहीं छात्र संघ मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे वह 90 के दशक में चले अयोध्या श्री राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े और 2 साल जेल में भी रहे उन्होंने प्रदेश में मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहे से गढ़वाल तक शहीद यात्रा की अगुवाई की थी। उन्होंने 90 के दशक में उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। तीरथ सिंह रावत 2007 में भाजपा उत्तराखंड इकाई के महामंत्री भी बने और उसके बाद प्रदेश भाजपा चुनाव अधिकारी के अलावा प्रदेश सदस्यता अभियान का प्रमुख भी बनाया गया वही दैवीय आपदा प्रबंधन समिति का अध्यक्ष भी उन्हें चुना गया और फरवरी 2013 से 2015 तक उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष भी रहे वहीं 2017 में उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश करवाते हुए भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया साल 2019 में संपन्न हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई जिसे उन्होंने बखूबी निभाया और राज्य में पार्टी की शानदार जीत में अहम भूमिका निभाई।