उत्तराखंड

आयुष मंत्री हरक सिंह रावत और प्रभारी मंत्री गणेश जोशी ने आयुर्वेदिक चिकित्सालय को दिए दो कंसंट्रेटर और चार आक्सीजन सिंलेंडर

देहरादून : बुधवार को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और देहरादून जनपद के कोविड उपचार व्यवस्थाओं के प्रभारी मंत्री गणेश जोशी ने सहत्रधारा स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सालय को दो आक्सीजन कंसंट्रेटर और चार अक्सीजन सिलेंण्डर दिए। गौरगलब है कि विगत 17 मई को काबीना मंत्री गणेश जोशी ने इस आयुर्वेदिक चिकित्सालय में अक्सीजन बेड की व्यवस्था कर इसे आयुर्वेदिक कोविड हेल्थ केयर सेंटर के तौर पर विकसित किया जाने की बात कही थी। सहस्त्रधारा स्थित इस आयुर्वेदिक चिकित्सालय में आक्सीजन बेड की सुविधा उपलब्ध हो जाने से सहत्रधारा, सरोना और भट्टा इत्यादि ग्रामीण क्षेत्रों के कोविड के कम गंभीर मरीजों के उपचार की सुविधा उपलब्ध होगी।
उत्तर प्रदेश, हिमाचल और छतीसगढ़ और अन्य राज्यों द्वारा अपने आयुर्वेदिक चिकित्सकों को आकस्मिक स्थिति में आयुर्वेदिक और युनानी चिकित्सकों को भी एलोपैथिक दवाएं देने संबंधी अनुमति प्रदान किए जाने हेतु प्रभारी मंत्री पहले ही सचिव स्वास्थ्य को निर्देशित कर चुके हैं। चूंकि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के चिकित्सक अपनी डाॅक्टरी शिक्षा के दौरान आधुनिक चिकित्सा विज्ञान से जुड़े सभी विषयों को भी पढ़ते हैं अतः प्रारम्भिक उपचार के तौर पर वह सीमांत और ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड के प्राथमिक मरीजों को उपचार दे सकते हैं। दूसरी ओर चिकित्सा निदेशालय की ओर से पूर्व में ही कोविड उपचार प्रोटोकाॅल के तहत दवाओं की सूची जारी की है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों की देखरेख में कोविड उपचार हेतु एलोपैथिक दवाओं और अब अस्पताल में आक्सीजन भी उपलब्ध हो जाने से स्थानीय और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को बड़ी राहत मिलेगी।


इस अवसर पर आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि राज्य में पहले से ही मौजूद 530 चिकित्सालयों में से 300 अस्पतालों को कम से कम 10 बेड के कोविड केयर केंद्रों में तब्दील किया जाएगा। ताकि वर्तमान आवश्यकताओं और भविष्य में भी हम किसी स्वास्थ्य इमर्जेंसी से निपट सकें। उन्होंने बताया कि इन अस्पतालों में पांच बेड में आक्सीजन की व्यवस्था की जाएगी और पांच सामान्य बेड होंगे। इन अस्पतालों में उपनल के माध्यम से 600 आयुष चिकित्सकों और अन्य सहयोगी स्टाॅफ की नियुक्ति की जाएगी।
इस अवसर पर निदेशक एमपी सिंह, संयुक्त निदेशक आयुर्वेदिक चिकित्सा डा0 आर.पी. सिंह, डा. के.एस. नपच्याल, जिला आयुर्वेद और युनानी अधिकारी डा. मिथिलेश कुमार, अस्थल के जिला पंचायत सदस्य वीर सिंह, अरविंद तोपवाल, धीरज थापा इत्यादि उपस्थित रहे।

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