उत्तराखंड

उत्तराखंड में दूसरी बार ट्रैफिक नियम तोड़ना पड़ेगा भारी, छह महीने के लिए निलंबित होगा ड्राइविंग लाइसेंस

देहरादून । उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू ने निर्देश दिए कि ट्रैफिक नियमों के दूसरी बार उल्लंघन पर वाहन चालक का लाइसेंस छह माह के लिए निलंबित कर दिया जाए। तीसरी बार नियमों का उल्लंघन करने पर लाइसेंस एक साल के लिए निलंबित हो। उन्होंने कहा कि बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चलाने वालों को कीमत लेकर नया हेलमेट दिया जाए,साथ ही नियमों के तहत निर्धारित जुर्माने की 50 फीसदी राशि भी वसूली जाए।

राज्यस्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इनोवेटिव विकल्पों और हरसंभव प्रयासों को संजीदगी से अमल में लाएं। उन्होंने प्रत्येक विकासखंड स्तर पर भी उपजिलाधिकारियों की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति गठित करने के निर्देश दिए। बैठक में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, रंजीत सिन्हा, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन, प्रभार सचिव विनोद कुमार सुमन, वी षणमुगम, आयुक्त परिवहन दीपेन्द्र कुमार चौधरी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

सड़क सुरक्षा के कार्यों में लाएं तेजी

मुख्य सचिव ने कहा कि सड़क सुरक्षा के सुधारीकरण के कार्यों की तीव्र प्रगति के लिए नियमित मॉनिटरिंग की जाए। लाइसेंस जारी करते समय पूरी प्रक्रिया का ठीक से अनुपालन करें।

बिचौलियों से लाइसेंस नहीं बनना चाहिए

संधू ने परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि विभिन्न श्रेणी के लाइसेंस बनाते समय ट्रायल-ट्रेस्टिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग रखें और ट्रायल का डेटा पोर्टल पर अपलोड करें, ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी मीडिएटर (मध्यस्थ) के माध्यम से लाइसेंस न बनवा सके।

चौराहों पर रडार तकनीक इस्तेमाल हो

उन्होंने परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को निर्देश दिए कि मुख्य चौराहों और मुख्य सार्वजनिक रूट पर सीसीटीवी कैमरों के साथ ही रडार और स्पीड इन्टरसेप्टर तकनीक का इस्तेमाल करें। इस तकनीक को चौपहिया और दो पहिया वाहनों में भी लगाएं।

ब्लैक स्पॉट्स को वर्गीकृत करें

मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को ब्लैक स्पॉट्स व दुर्घटना की दृष्टि से जोखिम वाले क्षेत्रों को ए, बी और सी श्रेणी में वर्गीकृत करने को कहा। जोखिम की अधिकता के अनुसार सुधारीकरण से संबंधित सभी कार्य संपन्न करने के निर्देश दिए।

सड़कों पर साइकिल ट्रैक बनाए जाएं

उन्होंने कहा कि जहां तक संभव हो सके सड़क मार्गों पर साइकिल ट्रैक बनाए जाएं। विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों में जहां पर कामगारों (श्रमिकों) का आना-जाना रहता है, वहां पर साइकिल ट्रैक जरूर बनाएं।

कार्यों का थर्ड पार्टी से ऑडिट कराएं

सीएस ने सड़क सुरक्षा का अच्छी ऐजेंसी से थर्ड पार्टी ऑडिट करवाने और न्यायालय तथा सड़क सुरक्षा समिति के समय-समय पर प्राप्त होने वाले सुझावों को अमल में लाने के निर्देश दिए।

मजिस्ट्रेट जांच दो माह में पूरी करें

मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित पूर्व की जितनी भी मजिस्ट्रेट जांच अभी तक लंबित हैं, उनका दो माह के भीतर निपटारा करें। आगे से प्रत्येक मजिस्ट्रेट जांच को हर हाल में तीन माह के भीतर निपटाएं।

सामाजिक उत्तरदायित्व संस्थान बनाएं

उन्होंने सभी जिलों में ‘इंस्टीट्यूट सोशल रेस्पोंसिबल इनिशिएटिव की शुरुआत करने के निर्देश दिए। इसके तहत विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों, रिटायरमेंट इंजीनियरों अथवा समाज के सक्रिय लोगों से सुझाव और फीडबैक लिया जाए।

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