उत्तराखंड

दुखद – आपदा में मरने वालों का आंकड़ा पहुँचा 55

कुमाऊं में बेमौसम बारिश के कहर से सात और गढ़वाल में तीन और लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही आपदा की भेंट चढे़ लोगों की संख्या अब 55 हो गई है। वहीं, बुधवार को रामनगर में कोसी में बही बच्ची और कांडा (बागेश्वर) में बारिश के दौरान एक पोस्ट ऑफिस कर्मी लापता हैं। गढ़वाल में 14 लोग लापता बताए गए थे। जिनमें देर शाम तीन की मौत की पुष्टि हो गई।

ताजा मामले में भारी बारिश के साथ आए मलबे की चपेट में आने से लोहाघाट ब्लॉक में नेपाल सीमा से लगे सुल्ला गांव के कैलाश सिंह  (32) उनकी पत्नी चंचला देवी (28), उनके दो बेटों रोहित सिंह (12) और भुवन सिंह (8) की मौत हो गई है। 18 घंटे की मशक्कत के बाद शवों को मलबे से निकाला जा सका। पिथौरागढ़ जिले की धारचूला तहसील के दारमा घाटी के ग्राम चल के बुग्याल गए दो लोगों की बर्फ में दबकर मौत हो गई।

ग्राम लदुआ ढिकुली में ऊंट की सवारी कराने वाले बिजनौर निवासी इस्लामुद्दीन उर्फ मुंशी की सात वर्षीय बेटी आलिया रामनगर में कोसी नदी के तेज बहाव में बह गई। घटना के वक्त बच्ची बकरियों को चराने नदी किनारे गई थी। बच्ची को बहता देख वहां मौजूद पड़ोस की महिला ने भी तेज पानी में छलांग लगा दी,लेकिन वह बच्ची को नहीं बचा पाई। महिला खुद भी बहती चली गई,उसे किसी तरह बचा लिया गया।

बुधवार को मौसम खुला तो मलबे में दबे लोगों की खोजबीन का काम शुरू हुआ। इस दौरान ओखलकांड के थलाड़ी में एक व्यक्ति की मौत का पता चला। मलबे में ढूंढखोज के दौरान उसका शव बरामद हुआ। इसके अलावा मंगलवार को मलबे में दबे चार और लोगों के शव मलबे में खोजबीन के दौरान निकाले गए। इनमें दो शव कैंची धाम और दो शव बोहराकोट से निकाले गए। सेना के हेलिकॉप्टर ने पांच बार थलाड़ी (ओखलकांडा) के लिए उड़ान भरी

 

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