उत्तराखंड

यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद

    उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2021

प्रदेश के महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल ( से.नि) गुरूमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी शुभकामनाएं

चारधामों में प्रसिद्ध श्री गंगोत्री धाम के कपाट कल 5 नवंबर को हो चुके है बंद

आज प्रात: श्री केदारनाथ धाम के कपाट हो चुके है बंद

20 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट  शीतकाल के लिए हो जायेंगे बंद

श्री यमुनोत्री धाम (उत्तरकाशी)/देहरादून : उत्तराखंड चारधामों में प्रसिद्ध श्री यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए आज शनिवार भैयादूज यम द्वितीया पर अपराह्न 12 बजकर 15 मिनट पर विधि-विधान पूर्वक बंद कर दिए गये हैं। गौरतलब है धर्मग्रंथों के अनुसार श्री यमुना जी को यम देव अर्थात धर्मराज जी की बहिन कहा जाता है यमदेव‌ मृत्यु के देवता है मां यमुना के दर्शन मात्र से जनमानस को मृत्यु भय से मुक्ति मिलती है।मां यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित, श्रद्धालुजन, स्थानीय लोग मौजूद रहे। कपाट बंद होने के बाद मां यमुना के जयकारों के साथ उत्सव डोली ने शीतकालीन गद्दी स्थल खरसाली के लिए प्रस्थान किया।
उत्तराखंड चार धामों में से तीन धामों श्री केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री धाम की यात्रा समापन पर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल  लेफ्टिनेंट जनरल(से.नि.)गुरुमीत सिंह और  प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पर्यटन-तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज सहित  रविनाथ रमन,आयुक्त गढ़वाल/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने शुभकामनाएं दी है।
जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित ने बताया कि इस यात्रा वर्ष श्री यमुनोत्री धाम तैंतीस हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे
और 33166 तीर्थयात्री श्री गंगोत्री धाम पहुंचे कुल 66 हजार से अधिक तीर्थ यात्री श्री गंगोत्री-यमुनोत्री धाम पहुंचे है।
उन्होंने बताया कि कोरोनाकाल एवं प्रतिकूल मौसम के बावजूद सभी विभागों के परस्पर समन्वयन से तीर्थयात्रा सुचारू रूप से संचालित हुई।
कपाट बंद होने के अवसर पर पूर्व राज्यमंत्री जगवीर भंडारी,मंदिर समिति पदेन अध्यक्ष / उप जिलाधिकारी बड़कोट शालिनी नेगी,पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज आर्य,डिप्टी सीएमओ डॉ. आरसी आर्य,मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल,उपाध्यक्ष राजश्वरूप उनियाल,प्यारे लाल उनियाल,जय प्रकाश उनियाल,अनिरुद्ध उनियाल,पुरुषोत्तम उनियाल आदि बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित सहित तमाम श्रद्धालु उपस्थित रहे। प्राप्त जानकारी के अनुसार आज मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा में विराजमान हो गयी।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि तीनों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गये है श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।
शीतकालीन गद्दी स्थलों में मंदिर समितियों/देवस्थानम बोर्ड द्वारा पूजा-अर्चना की जायेगी।

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