उत्तराखंड

हरिद्वार महाकुंभ में नहीं होगी खाद्यान की किसी भी प्रकार की कोई कमी

हरिद्वार : महाकुंभ में नहीं होगी खाद्यान की किसी भी प्रकार की कोई कमी। जी हां सरकार की ओर से इसके लिए पूरा इंतजाम कर दिया है। कुंभ मेले में अखाड़ों,आश्रमों और धर्मशालाओं में पहुंचे साधु-संतों को भोजन कराने की व्यवस्था के लिए 2100 मीट्रिक टन राशन का आवंटन हो गया है। इसमें गेहूं पांच रुपये तो चावल छह रुपये और चीनी 17 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध कराई जाएगी। कुंभ मेला के खाद्य नोडल अधिकारी के.के अग्रवाल ने बताया कि विभाग की ओर से 3630 मीट्रिक टन गेहूं और चावल की डिमांड की गई थी। 1810 मीट्रिक टन ही दिया गया है। चीनी की मांग 600 मीट्रिक टन थी। इसकी मात्रा भी आधा कर दी गई है।

अखाड़ों की ओर से पेशवाई निकालकर 11 मार्च को शाही स्नान कर महाकुंभ का आगाज कर दिया था। इसके चलते मार्च में ही देश के कोने-कोने से अखाड़ों की छावनियां में साधु-संत पहुंच गए थे। इसके मद्देनजर अखाड़ों की ओर से खाद्य विभाग से राशन मुहैया कराने की मांग की जा रही थी। अब शासन की ओर से अखाड़ों,आश्रमों,धर्मशालाओं आदि के लिए 905 मीट्रिक टन गेहूं और 905 मीट्रिक टन चावल के साथ ही 300 मीट्रिक टन चीनी का आवंटन जारी किया है। जिसमें गेहूं और चावल प्रतिदिन तीन-तीन सौ और चीनी सौ ग्राम की प्रतिव्यक्ति की दर से दी जाएगी। इसके अलावा कैरोसीन भी ढाई लाख लीटर जारी किया गया है, जो प्रतिदिन सौ व्यक्ति के लिए दस लीटर दिया जाएगा। कैरोसीन की कीमत 29 रुपये प्रति लीटर रखी गई है।

श्रद्धालु भी खरीद सकते हैं राशन

विभाग के अधिकारियों के अनुसार कुंभ मेले में इस बार सरकारी राशन की दुकानें नहीं खोली जाएंगी,जबकि पहले कुंभ मेलों में सरकारी दुकानें खोली जाती थीं। राशन का वितरण सीधे ज्वालापुर गोदाम से किया जाएगा। कुंभ मेला के खाद्य नोडल अधिकारी के.के अग्रवाल ने बताया कि कुंभ मेले में अखाड़ों,आश्रमों को तो राशन दिया ही जाएगा। इसके अलावा हरिद्वार जिला व मेला क्षेत्र के बाहर से आने वाले अकेले और परिवार के साथ आने वाले श्रद्धालु भी आधार कार्ड दिखाकर सस्ती दरों पर राशन खरीद सकते हैं।

सेक्टर मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट पर मिलेगा राशन

अधिकारियों के अनुसार जिन अखाड़ों और आश्रमों को सस्ती दरों पर राशन की आवश्यकता होगी,उन्हें अपने यहां रहने वाले लोगों की संख्या के साथ तहसील परिसर में स्थित जिला मुख्यालय में आकर आवेदन करना होगा। इसके बाद कुंभ मेला के लिए भेजे गए खाद्य पूर्ति निरीक्षक जाकर सत्यापन करेंगे। उनके सत्यापन करने के बाद संबंधित क्षेत्र के सेक्टर मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट लगने के बाद ही राशन का आवंटन किया जाएगा।

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